The best Side of Shodashi

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

साम्राज्ञी चक्रराज्ञी प्रदिशतु कुशलं मह्यमोङ्काररूपा ॥१५॥

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

Day: On any thirty day period, eighth working day of your fortnight, entire moon working day and ninth day in the fortnight are explained to be fantastic times. Fridays also are equally fantastic times.

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

During the pursuit of spiritual enlightenment, the journey commences While using the awakening of spiritual consciousness. This Original awakening is important for aspirants who will be within the onset of their route, guiding them to recognize the divine consciousness that permeates all beings.

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

Gaining the attention of  Shodashi, ones ideas to others turn out to be much more optimistic, fewer crucial.  Types interactions morph right into a thing of terrific attractiveness; a point of sweetness. This is the meaning in the sugarcane bow which she carries usually.

संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।

इति more info द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।

Shodashi also usually means sixteen plus the perception is always that at the age of sixteen the Bodily system of the human being attains perfection. Deterioration sets in immediately after sixteen yrs.

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